Monday, 30 March 2020

गुरु - जीवन में सौभाग्य के सूर्योदय के मार्गदर्शक

"गुरु" - जीवन में #सौभाग्य के सूर्योदय का #मार्गदर्शक ।

जीवन को निखारने के लिए एक #सद्गुरु का होना परम् आवश्यक होता है । सद्गुरु के न मिलने पर वर्षों के संघर्ष के बाद भी सौभाग्य से वंचित रह जाते हैं । यह बात हर क्षेत्र में लागू होती है परन्तु नेटवर्क मार्केटिंग एक ऐसा रास्ता है कि यहाँ #सफलता प्राप्त के लिए उचित और #समर्थ गुरु अत्यंत आवश्यक है ।

आप गुरु तक पहुँच सकते हैं या ईश्वर के बनाये #संयोग से आप उन तक पहुँच सकते हैं । गुरु अच्छा चाहिए उससे पहले आपको #शिष्यत्व का पात्र बनना होगा ।

श्री रामकृष्ण परमहंस जी ने बालक नरेंद्र को स्वामी विवेकानंद बनाने के लिए ढूँढ लिया था तो शिवजी को समर्थ गुरु रामदास जी ने खोजा था । चाणक्य ने चन्द्रगुप्त को खोजा था ।

संयोंग #दिव्य हो सकता है यदि आपका #अवचेतन मन सीखने के लिए प्रतिबद्ध हो । चूँकि नेटवर्क मार्केटिंग का बुनियादी विचार अमरीका में जन्मा और वहाँ Upline - Downline का सम्बंध व्यवसायिक होता है परन्तु भारतीयता में गुरु - शिष्य का सम्बंध आध्यात्मिक होता है । 

एकाकी पुरुषार्थ सफलता नहीं प्राप्त कर पाता । कहा जाता है कि "गुरु बिन होई न ज्ञान "

इसलिए सुयोग्य पात्र बनिये । श्रद्धा का केंद्र बनाइये #मार्गदर्शक को। विश्व विजय करनी है तो सुयोग्य गुरु को तलाश लीजिये और निर्देशन में उनके बड़ी सफलता और विश्व विजय को प्राप्त कीजिये ।

ईश्वरीय अनुकम्पा से डॉ आशीष रोहतगी की लेखनी से ।

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