आपकी #भावनाएं ही ईश्वर हैं ।
जब यह कहा जाता है कि आपके विचार और शब्दों का बहुत प्रभाव होता है तो यह समझिए कि उन विचारों और शब्दों की #प्राणशक्ति भावनाएं ही होती हैं ।
अगर आपकी भावनाएं किसी की #सफलता पर सकारात्मक हैं तो समझिए कि आप ब्रह्मांड को सफलता की Frequency पर ट्यून कर रहे हैं । तब सफल लोग और सफलता दोनों आपकी ओर आकर्षित होती हैं ।
रॉन्डा बर्न की -The Secret फ़िल्म और पुस्तक में भी जिस "आकषर्ण के नियम" की बात की गई है उसका एक लाइन में सार यही है ।
" आपकी भावना ही वास्तविक रहस्य है ।"
सनातन धर्म में भी भावात्मक रूप में बताया गया है -
" जाकी रही भावना जैसी उसे दिखे प्रभु मूरत वैसी "
इसलिए किसी भी वस्तु या स्तिथि में परिवर्तन के लिए - चाहे वह धन हो,स्वास्थ्य हो,सम्बन्ध हो या अन्य कुछ भी हो - आप अपनी भावनाओं को सकारात्मक रूप में परिवर्तित करके बदल सकते हैं ।
सकारात्मक भावनाओं को शब्दावली में स्थान दें और महसूस करें ।
ऊर्जा से भरपूर शब्दों जैसे -जबरदस्त, अद्भुत ,शानदार ,बेहतरीन ,वाह और ज़ोरदार शब्दों का उपयोग करें और उपयोग करते समय महसूस करें ।
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