नेटवर्क मार्केटिंग में अधिकांश लोग "डर" के कारण सफलता प्राप्त करने में चूक जाते हैं ।
मैं बहुत से मित्रों को जानता हूँ जो वर्तमान में परेशानी में हैं पर अनदेखे भविष्य का सामना करने से डरते हैं । इस डर के कारण वह यथा स्तिथि का #दर्द सहने के आदि हो जाते हैं ।
उनके लिए कहावत है "अनजान देवता से बेहतर है जान पहचान वाला राक्षस" उनके पास बहुत से कारण हैं कि यदि यह होता तो वह सब कुछ कर लेते ।
सफलता के लिए अवचेतन मन का यह डर दूर करना होगा ।
अवचेतन मन का पुनः नवीनीकरण करना होगा । स्वयं को सीमित करने वाले विश्वासों को बदलकर शक्ति देने वाले विश्वासों को अवचेतन मन में प्रतिस्थापित करना होगा । अपने पहचान के दायरे को #विराट बनाना होगा । जितनी बड़ी आपकी पहचान होगी उतने ही अधिक व्यवहारों के आपके पास विकल्प होंगे ।
यदि आप अपनी वर्तमान स्तिथि,आय या कम्पनी से सन्तुष्ट नहीं हैं तो अपना एक व्यक्तिगत लेखाजोखा( #PersonalAudit )करें जिसके आधार पर आप अपना भविष्य तय करें ।
यदि आप ऐसा स्वयं नहीं कर पा रहे हैं तो किसी ऐसे #विशेषज्ञ की सहायता लें जो "मन के मनोविज्ञान" और इंडस्ट्री को समझता हो ।
अपना लक्ष्य #सफलता को बनाएं और उसे प्राप्त करें ।